आंवले के औषधीय प्रयोग
 जो मनुष्य आंवले का रस १० से १५ मि.ली., शहद १० से १५ ग्राम, मिश्री १० से
 १५ ग्रामऔर घी २० ग्राम मिलाकर चाटता है तथा पथ्य भोजन करता है, उससे 
वृद्धावस्था दूररहती है l इस प्रयोग से शारीर में गर्मी, रक्त, चमड़ी तथा 
अम्लपित्त के रोग दूर होते हैं और शक्ति मिलती है l 
 आंवला घृतकुमारी के संग पीने से पित्त का नाश होता है l 
 १५-२० मि.ली. आंवलों का रस तथा एक चम्मच शहद मिलाकर चटाने से आँखों की रोशनी में वृद्धि होती है l 
 सर्दी या कफ्फ की तकलीफ हो तो आंवले के १५-२० मि.ली. रस या १ ग्राम (पाँव चम्मच) चूर्ण में १ ग्राम हल्दी मिलाकर लें l 
 १-२ आंवले और १०-२० ग्राम काले तिल रोज़ सुबह चबाकर खाने से स्मरणशक्ति तेज़ होजाती है l 
 आंवले का रस और शुद्ध शहद सामान मात्रा में लेकर मिला लें l इस मिश्रण को 
प्रतिदिनरात के समय आँखों में आंजने से आँखों का धुंधलापन कम हो जाता है l 
इस मिश्रण को पीने से भी फायदा होता है l 
 मैले दांत चमकाने हों तो दांतों पर आंवले के रस से मालिश करें l आंवले के 
रस मेंसरसों का तेल मिलाकर मसूड़ों पर हलकी मालिश करने से भी बहुत फायदा 
होता है l 
 २५० ग्राम आंवले के चूर्ण में ५० ग्राम लहसुन पीसकर यह मिश्रण शहद में 
डुबाकर पंद्रहदिन तक धूप में रखें l उसके पश्चात् हर रोज़ एक चम्मच मिश्रण 
खा लें l यह एक उत्तमह्रदय-पोषक है l यह प्रयोग ह्रदय को मज़बूत बनाने वाला
 एक सरल इलाज है l 
 रक्तचाप, ह्रदय का बढ़ना, मानसिक तनाव (डिप्रेशन), अनिद्रा जैसे रोगों में
 २० ग्रामगाजर के रस के साथ ४० ग्राम आंवले का रस लेना चाहिए l 
 आधा भोजन करने के पश्चात् हरे आंवलों का ३० ग्राम रस आधा ग्लास पानी 
मेंमिलाकर पी लें l फिर शेष आधा भोजन करें l यह प्रयोग २१ दिन तक करें l 
इससे ह्रदय वमस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है तथा स्वास्थ्य सुधरता है l 
 सूखे आंवले तथा सुखा धनिया सामान मात्रा में लेकर रात को कुल्लढ में 
इक्कठे भिगो दें lसुबह छान के मिश्री मिलाकर पियें l इससे पेशाब की जलन दूर
 होती है तथा मूत्ररोगोंमें लाभ होता है l 
 दो चम्मच कच्चे आंवले का रस और दो चम्मच कच्ची हल्दी का रस शहद के साथ 
लेने से प्रमेह मिट जाता है l कुछ दिनों तक प्रयोग करने से मधुमेह नियंत्रण
 में आजाता है तथा सभी तरह के मूत्र-विकारों से छुटकारा मिल जाता है l 
 आंवले का चूर्ण गौमूत्र में घोंटकर शरीर पर लगाने से तुरंत पित्तियां दब जाती हैं l
 
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