Wednesday 26 August 2015

वजन घटाए, सेहत बनाए टमाटर

टमाटर

वजन घटाए, सेहत बनाए टमाटर

(टमाटर सेवफल व संतरा दोनों के गुणों से युक्त होता है।)
विभा मित्तल
  1. पूरे शरीर को ऊर्जा देता और लीवर संबंधी विकारों को दूर करता है। 
  2. इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है, जिस कारण एक उत्तम भोजन माना जाता है।
  3. इसके लगातार सेवन से जिगर बेहतर ढंग से काम करता है और गैस की शिकायत भी दूर होती है।
  4. अगर आपको डायबिटीज है तो टमाटर का नियमित सेवन करें। यह पेशाब में चीनी की मात्र पर नियंत्रण पाने के लिए प्रभावशाली है। 
  5. एक मध्यम आकार के टमाटर में केवल 12 कैलोरीज होती है, इसलिए इसे वजन कम करने के लिए काफी उपयुक्त माना जाता है। वजन कम करना चाहते हैं तो सुबह-शाम एक गिलास टमाटर का रस पीएं, लाभ होगा।
  6. टमाटर इतने पौष्टिक होते हैं कि सुबह नाश्ते में केवल दो टमाटर संपूर्ण भोजन के बराबर माने जाते हैं।
  7. पके लाल टमाटर खाने वालों को कैंसर रोग की आशंका कम हो जाती है।
  8. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
  9. टमाटर को काटकर उस पर काली मिर्च और सेंधा नमक डालकर खाएं। भूख बढ़ेगी, आंतों में मौजूद कीड़े मरेंगे।
  10. बच्चों को सूखा रोग होने पर आधा गिलास टमाटर के रस का सेवन कराने से फायदा होता है।
  11. गठिया रोग हो तो एक गिलास टमाटर के रस की सोंठ तैयार करें व एक चम्मच अजवायन का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम पीएं, लाभ होगा।-हिंदुस्तान, 16-11-11
    स्वास्थ्य रक्षक एवं पुष्टिकारक फल टमाटर 
     
    टमाटर केवल एक पौष्टिक शुद्ध आहार ही नहीं, बल्कि एक गुणकारी औषधि भी है। टमाटर में आहारोपयोगी पोषक तत्व काफी मात्रा में पाए जाने के कारण यह हरी सागसब्जियों में एवं फल के रूप में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। साग के अलावा टमाटर का उपयोग अचार, सूप, सैंडविच तथा सॉस आदि बनाने में भी होता है।
     
    टमाटर की प्रकृति न गर्म है, न ठंडी। टमाटर रस और विपाक में खट्‌टा, रूचिकर, अग्नि प्रदीपक, पाचक, सारक और रक्तशोधक होता है। अग्निमाध, मेदवृद्धि, उदर शूल तथा रक्त विकार में यह हितकारी है। टमाटर वायुनाशक है। टमाटर में लौह, चूना, पोटाश, लवण, मैग्नीज आदि अन्य सब्जियों तथा फलों की अपेक्षा अधिक पाए जाते हैं। ऑक्सेलिक एसिड, मैलिक एसिड तथा साइट्रिक एसिड भी टमाटर में पाए जाते हैं। छह प्रकार के विटामिनों में पांच विटामिन टमाटर में होते हैं। पके टमाटर में विटामिन ए, बी और सी प्रचुर मात्रा में होते हैं।
    औषधीय प्रयोग
    1. कब्ज : प्रतिदिन 50 ग्राम कच्चा टमाटर खाने से कब्ज दूर होती है। पके टमाटर का आधा कप सूप पीने से पुरानी कब्ज दूर होती है।
    2. पाचन शक्तिवर्द्धक : टमाटर के टुक़डे कर उन पर सौंठ व सेंधा नमक का चूर्ण बुरककर खाने से पाचन शक्ति ब़ढती है, अग्निमाघ, अफारा व अरूचि दूर होती है।
    3. मुंह के छाले : टमाटर का रस पानी में मिलाकर कुल्ले करने से छाले मिट जाते हैं।
    4. बुखार : बुखार में रक्त में विजातीय द्रव्य ब़ढ जाते हैं। टमाटर का सूप इन तत्वों को निकाल देता है। इससे रोगी को आराम मिलता है, लेकिन यह केवल सामान्य बुखार में ही देना चाहिए। 
    5. कृमिनाशक : टमाटर के रस में हींग का बघार लगाकर पीने से कृमि रोग में फायदा होता है। खाली पेट लाल टमाटर काली मिर्च व नमक मिलाकर खाने से भी कृमि मर जाते हैं।
    6. रतौंधी : सुबहशाम टमाटर का रस पीने से अल्पदृष्टि में लाभ होता है तथा आंखों की रोशनी ब़ढती है।
    7. शिशु शक्तिवर्द्धक : शिशु की माताएं टमाटर खाएं तथा शिशु को टमाटर का ताजा रस दिन में 2-3 बार पिलाएं। इससे शिशुओं का शारीरिक विकास अच्छा होता है, पाचन शक्ति अच्छी रहती है तथा दांत आने में कठिनाई नहीं होती।
    8. खुजली : टमाटर का रस एक चम्मच और नारियल का तेल दो चम्मच मिलाकर शरीर पर मालिश करने से तथा कुछ समय बाद गुनगुने पानी से स्नान करने से खुजली मिटती है।
    9. रक्त विकार : पके टमाटर के ताजे रस में पानी और थ़ोडा सा शहद मिलाकर पीने से रक्त विकार तथा रक्त पित्त दूर होता है।
    10. शक्तिवर्द्धक : प्रातः काल नाश्ते में एक गिलास टमाटर के रस में थ़ोडा सा शहद मिलाकर पीने से चेहरा टमाटर की तरह सुर्ख निखर जाता है। टमाटर यकृत, फेफ़डों को शक्ति देता है, स्मरण शक्ति बढाता है तथा रक्तचाप घटाता है।
    सावधानी : टमाटर गुणकारी होने के साथ ही पथरी, अम्लपित्त, आमवात, शीतपित्ती, सूजन, संधिवात के रोगियों के लिए हितकर नहीं है, अतः उन्हें टमाटर नहीं खाना चाहिए। जिनके शरीर में गर्मी की मात्रा अधिक हो, मांसपेशियों में दर्द रहता हो, तेज खांसी चलती हो, पेट आंतों व गर्भाशय में उपदंश हो, उन्हें भी टमाटर से परहेज करना चाहिए, न ही टमाटर का सूप आदि पीना चाहिए।

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